| शब्द का अर्थ | 
					
				| प्रहार					 : | पुं० [सं० प्र√हृ+घञ्] १. आहत या हत करने के लिए किसी पर किया जानेवाला आघात। वार। जैसे—लाठी या तलवार से किया जानेवाला प्रहार। २. आघात। चोट। | 
			
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				| प्रहारक					 : | वि० [सं० प्र√हृ+ण्वुल्—अक] प्रहार करनेवाला। | 
			
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				| प्रहारण					 : | पुं० [सं० प्र√हृ+णिच्+ल्युट्—अन] १. प्रहार करना। २. काम्यदान। मनचाहा दान। | 
			
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				| प्रहारना					 : | स० [सं० प्रहार] आघात या प्रहार करना। मारना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| प्रहारार्त					 : | वि० [सं० प्रहार-आर्त, तृ० त०] जिस पर प्रहार किया गया हो; फलतः आहत या हत। पुं० १. प्रहार लगने से होनेवाला घाव। २. उक्त घाव से होनेवाली पीड़ा। | 
			
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				| प्रहारित					 : | भू० कृ० [सं० प्रहृत] जिस पर आघात या प्रहार हुआ हो जिसे चोट लगी या मार पड़ी हो।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| प्रहारी (रिन्)					 : | वि० [सं० प्र√हृ+णिनि] [स्त्री० प्रहारिणी] १. प्रहार करने या मरनेवाला। २. दूर करने या हटानेवाला। ३. नष्ट करनेवाला। नाशक। ४. (अस्त्र, शस्त्र आदि) चलाने या छोड़नेवाला। | 
			
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				| प्रहारुक					 : | वि० [सं० प्र√हृ+उकञ्] १. छीननेवाला। २. प्रहार करनेवाला। | 
			
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				| प्रहार्य					 : | वि० [सं० प्र√हृ+ण्यत्] १. जो हरण किया या छीना जा सके। २. जिस पर प्रहार या आघात किया जा सके। | 
			
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