| शब्द का अर्थ | 
					
				| प्राणद					 : | वि० [सं० प्राण√दा+क] १. प्राणों की प्रतिष्ठा या संचार करनेवाले। प्राण-दाता। २. प्राणों की रक्षा करनेवाला। प्राणरक्षक। ३. शरीर की प्राण-शक्ति बढ़ानेवाला। पुं० १. जल। २. खून। ३. जीवक वृक्ष। ४. विष्णु। | 
			
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				| प्राणदा					 : | स्त्री० [सं० प्राणद+टाप्] १. हरीतकी। हर्रे। २. ऋद्धि नामक ओषधि। | 
			
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				| प्राणद्यूत					 : | पुं० [ष० त०] अपने को ऐसी स्थिति में डालना जिसमें प्राण तक जाने का भय हो। जान जोखिम में डालना। जान की बाजी लगाना। | 
			
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