शब्द का अर्थ
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प्राणाग्नि-होत्र :
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पुं० [सं० प्राण-अग्नि, कर्म० स०, प्राणाग्नि-होत्र, स० त०] भोजन के समय पहले किया जानेवाला वह कृत्य जिसमें ‘प्राणाय स्वाहा’, ‘अपानाय स्वाहा’, ‘व्यानाय स्वाहा’, ‘उदानाय स्वाहा’ और ‘समानाय स्वाहा’ कहते हुए पाँच ग्रास निकालकर अलग रखते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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