शब्द का अर्थ
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प्राथमिक :
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वि० [सं० प्रथम+ठक्—इक] [भाव० प्राथमिकता] १. क्रम, गिनती आदि के विचार से आरंभ में आने या पड़नेवाला। २. जो उक्त विचार के आधार पर आरंभ में या पहले होता हो। (प्राइमरी)। जैसे—प्राथमिक विद्यालय। ३. जिससे किसी चीज या बात का आरम्भ सूचित होता है। जैसे—कमल रोग के यह प्राथमिक लक्षण हैं। |
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प्राथमिक उपचार :
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पुं० [सं० (कर्म० स०)] अचानक किसी के बीमार पड़ने, घायल होने, जल जाने आदि की अवस्था में, योग्य चिकित्सक के पहुँचने से पहले किया जानेवाला वह उपचार जो पीड़ित या रोगी की पीड़ा या रोग अधिक बढ़ने न दे। प्राथमिक चिकित्सा। (फर्स्ट एड) |
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प्राथमिक चिकित्सा :
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स्त्री० [सं० कर्म० स०]=प्रथमोपचार। (देखें) |
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प्राथमिकता :
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स्त्री० [सं० प्राथमिक+तल्—टाप्] १. प्रथम स्नान में होने अथवा रखे जाने की अवस्ता या भाव। २. किसी काम, बात या व्यक्ति को औरों से पहले दिया जानेवाला अथवा मिलनेवाला अवसर या स्थान। प्रथमता। (प्रायोरिटी) |
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प्राथमिक शिक्षा :
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स्त्री० [सं० कर्म० स०] वह शिक्षा जो नये विद्यार्थियों को आरंभ में दी जाती है। विशेषतः छोटे बालकों को बिलकुल आरंभिक कक्षाओं में दी जानेवाली शिक्षा जिसमें उन्हें लिखना-पढ़ना सिखलाया जाता है। (प्राइमरी एजुकेशन) विशेष—आज-कल विद्यालयों की आरंभिक ४ या ५ कक्षाओं तक की शिक्षा इसी के अंतर्गत मानी जाती है। |
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