शब्द का अर्थ
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प्राशित :
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भू० कृ० [सं० प्र√अश्+क्त] १. खाया या चखा हुआ। २. जिसका उपभोग किया गया हो। पुं० [प्र-अशित, ब० स०] १. पितृ-यज्ञ। तर्पण। २. भक्षण। खाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्राशित्र :
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पुं० [सं०] यज्ञों में पुरोडाश आदि में से काटकर निकाला हुआ वह छोटा टुकड़ा जो ब्राह्मण के लिए एक पात्र में अलग रखा जाता था। २. गाय के कान की तरह का एक पात्र जिसमें उक्त पदार्थ रखा जता था। ३. कोई खाद्य पदार्थ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |