| शब्द का अर्थ | 
					
				| प्रासंग					 : | पुं० [सं० √सन्ज् (सटना)+घञ्] १. हल का जूआ या जुआठा जिसमें नये बैल निकाले जाते हैं। २. तराजू की डंडी। ३. तराजू। तुला। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| प्रासंगिक					 : | वि० [सं० प्रसंग+ठञ्—इक] १. प्रसंग-संबंधी। प्रसंग का। २. प्रस्तुत प्रसंग से संबंध रखनेवाला। ३. किसी अवसर, विषय आदि के अनुकूल और प्रसंग-प्राप्त। (रेलेवेन्ट; उक्त दोनों अर्थों में) पुं० दृश्य काव्य में कथा-वस्तु के दो अंशों में से वह दूसरा अंश जो मूल या अधिकारिक अंश से प्रसंगात् सहायक होता है। दे० ‘आधिकारिक’ (दृश्य काव्य का)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| प्रास					 : | पुं० [सं० प्र√अस् (फेंकना)+घञ्] १. फेंकना। २. पुरानी चाल का एक तरह का भाला जो फेंककर चलाया जाता था। ३. आजकल, उतनी क्षैतिज दूरी जितनी कोई चलाई या फेंकी जानेवाली चीज पार करती है। मार। ४. वह पूरी दूरी या विस्तार जिसमें कोई चीज होती, रहती, सुनी जाती या कार्यकारी होती हो। (रेंज, अंतिम दोनों अर्थों में) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| प्रासक					 : | पुं० [सं० प्रास+कन्] १. प्रास नामक अस्त्र। २. जूआ खेलने का पासा। पाशक। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| प्रासन					 : | पुं० [सं० प्र√अस्+ल्युट्—अन] फेंकना। पुं० दे० ‘प्रासायन’। पुं०=प्राशन।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| प्रासना					 : | स० [सं० प्राशन] खाना या चाटना। उदा०—प्रासै जो बीजौपरण।—प्रिथीराज। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| प्रासमिक					 : | वि० [सं० प्रसम+ठक्—इक] १. प्रसम-संबंधी। प्रसम का। २. प्रसम। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| प्रासविक					 : | वि० [सं० प्रसव+ठक्—इक] १. प्रसव-संबंधी। २. प्रासविक-विज्ञान-संबंधी। (ऑब्स्टेट्रिकल) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| प्रासविक-विज्ञान					 : | पुं० [सं० कर्म० स०] दे० ‘प्रसूति-विज्ञान’। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| प्रासविकी					 : | स्त्री०=प्रासविक विज्ञान। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| प्रासाद					 : | पुं० [सं० प्र√सद्+घञ्—दीर्घ] १. वह विशाल इमारत जिसमें अनेक श्रृंग, श्रृंखलाएँ, अंडकादि हों। २. राज-भवन। राज-महल। ३. बौद्धों के संघाराम में वह बड़ी शाला जिसमें साधु लोग एकत्र होते थे। ४. देवमंदिर। देवालय। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| प्रासादिक					 : | वि० [सं० प्रसाद+ठक्—इक्] १. सहज में प्रसन्न होकर कृपा करने या दया दिखनेवाला। २. प्रसाद के रूप में दिया जाने या मिलने वाला। ३. सुंदर। ४. प्रासाद-संबंधी। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| प्रासादीय					 : | वि० [सं० प्रासाद+छ—ईय] १. प्रासाद अर्थात् राजमहल संबंधी। २. विशाल। ३. भव्य तथा सुसज्जित। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| प्रासायन					 : | पुं० [सं० प्रास-अयन उपमति स०] १. आयुध शास्त्र में, वह अर्ध चंद्राकार मार्ग जिससे होकर तोप या बंदूक का गोला या गोली नाल में से निकलकर निशाने तक पहुँचती है। (ट्रेजेक्टरी) २. दे० ‘प्रक्षेप-वक्र’। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| प्रासिक					 : | वि० [सं० प्रास+ठक्—इक] १. जिसके पास प्रास अर्थात् भाला हो। प्रास-संबंधी। प्रास का। प्रासीय। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| प्रासूतिक					 : | वि० [सं० प्रसूति+ठक्—इक्] प्रसूति-संबंधी। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| प्रास्तारिक					 : | वि० [सं० प्रस्तार+ठक्—इक्] १. प्रस्तार-संबंधी। २. जिसका व्यवहार प्रस्तार में हो। प्रस्तार में काम आनेवाला। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| प्रास्ताविक					 : | वि० [सं० प्रस्ताव+ठक्—इक] १. प्रस्ताव के रूप में होनेवाला। २. प्रस्तावना के रूप में होनेवाला। ३. प्रासंगिक। प्रसंग-प्राप्त। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| प्रास्थिक					 : | वि० [सं० प्रस्थ+ठञ्—इक्] १. प्रस्थ-संबंधी। २. प्रस्थ (तौल या मान) के हिसाब से दिया या लिया जानेवाला। ३. पाचन करानेवाला। पाचक। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |