शब्द का अर्थ
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प्रेक्षा :
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स्त्री० [सं० प्र√ईक्ष+अ—टाप्] १. देखना। २. दृष्टि। निगाह। ३. नाच-तमाशा, नाटक आदि देखना। ४. प्रजा। बुद्धि। ५. नाच, तमाशा, अभिनय आदि। ६. किसी विषय की अच्छी और बुरी बातों का विचार करना। ७. वृक्ष की शाखा। डाल। ८. शोभा। |
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समानार्थी शब्द-
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प्रेक्षाकारी (रिन्) :
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वि० [सं० प्रेक्षा√कृ+णिनि] सोचसमझ कर काम करनेवाला। |
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प्रेक्षागार :
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पुं०=गृह। |
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प्रेक्षा-गृह :
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पुं० [सं० ष० त०] १. प्राचीन काल में राज-महल का वह कमरा जहाँ राजा मंत्रियों से मंत्रणा करते थे। २. नाटकों के अभिनय आदि के लिए बनी हुई रंग-शाला। |
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प्रेक्षावान् (वत्) :
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वि० [सं० प्रेक्षा+मतुप्] सोच-समझ कर काम करनेवाला। |
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प्रेक्षा-समाज :
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पुं० [सं०] दर्शकों का समूह। दर्शक-वृंद। |
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