शब्द का अर्थ
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प्रेमा :
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पुं० [सं० प्रेमन्] १. प्रेम। २. प्रेमी। ३. इंद्र। ४. वायु। ५. उपजाति वृत्त का ग्यारहवाँ भेद जिसके पहले, दूसरे और चौथे चरणों में क्रमशः जतजगण और दो गुरु और तीसरे चरण में क्रमशः ततज और दो गुरु होते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
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प्रेमाक्षेप :
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पुं० [सं० प्रेमन्-आक्षेप, ब० स०] केशव के अनुसार आक्षेप अलंकार का एक भेद जिसमें भेद का निवेदन करते समय किसी प्रेम-जन्य कार्य से ही उसमें बाधा होने का वर्णन होता है। |
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प्रेमालाप :
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पुं० [सं० प्रेमन्-आलाप मध्य० स०] १. आपस में प्रेमपूर्वक होनेवाली बातचीत। २. दो प्रेमियों में होनेवाली बातचीत। |
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प्रेमालिंगन :
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पुं० [सं० मध्य० स०] १. किसी को प्रेमपूर्वक गले लगाना। २. कामशास्त्र के अनुसार नायक और नायिका का एक विशेष प्रकार का आलिंगन। |
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प्रेमाश्रु :
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पुं० [प्रेमन्-अश्रु, मध्य० स०] वे आँसू जो प्रेम के आधिक्य के समय आप से आप आँखों से निकलने लगते हैं। |
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