| शब्द का अर्थ | 
					
				| प्रोक्षण					 : | पुं० [सं० प्र√उक्ष् (सींचना)+ल्युट्—अन] १. जल छिड़कना। छिड़काव करना। २. यज्ञ में, बलि देने से पहले पशु पर पानी छिड़कना। ३. पानी का छींटा। ४. बध। हत्या। ५. विवाह का परिछन नामक कृत्य। ६. श्राद्ध आदि में होनेवाले एक कृत्य। | 
			
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				| प्रोक्षणी					 : | स्त्री० [सं० प्रोक्षण+ङीप्] १. यज्ञ आदि में छिड़का जानेवाला जल। २. वह पात्र जिसमें उक्त जल रखा जाता था। ३. कुश की मुद्रिका जो हो आदि के समय अनामिका में पहनी जाती है। | 
			
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