| शब्द का अर्थ | 
					
				| प्रोक्षित					 : | भू० कृ० [सं० प्र√उक्ष्+क्त] १. सींचा हुआ। २. जिस पर जल छिड़का गया हो। ३. जिसका वध या हत्या की गई हो। ४. (पशु) जो बलि चढ़ाया गया हो। पुं० वह मांस जो यज्ञ के लिए संस्कृत किया गया हो। (ऐसा मांस खाने में कोई दोष नहीं माना जाता।) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| प्रोक्षितव्य					 : | वि० [सं० प्र+उक्ष्√तव्यत्] जिसका प्रोक्षण होने को हो या हो सकता हो। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |