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			| शब्द का अर्थ |  
				| प्रौढोक्ति					 : | स्त्री० [सं० प्रौढ़ा-उक्ति, कर्म० स०] १. ऐसी उक्ति था कथन जिसमें कोई गूढ़ रहस्य हो। २. साहित्य में एक प्रकार का अलंकार जिसमें किसी कल्पित अथवा वास्तविक उत्कर्ष का आविर्भाव ऐसी चीज या बात से बतलाया जाता है जो वस्तुतः उस उत्कर्ष का हेतु नहीं होता अथवा नहीं हो सकता। जैस—यदि कहा जाय कि यमुना के किनारे पर उगने के कारण ही सरल वृक्ष नीले रंग का हो गया है तो यहाँ प्रौढोक्ति अलंकार होगा, क्योंकि वास्तव में यमुना के जल में आसपास के वृक्षों को नीला करने का गुण या शक्ति नहीं है। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |