| शब्द का अर्थ | 
					
				| बंटा					 : | पुं० [सं० वटक, हिं० वटा+गोला] [स्त्री० अल्पा० बंटी] कोई छोटा गोल चौकोर डिब्बा। जैसे—पान का बंटा। वि० छोटे कद का। नाटा। | 
			
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				| बँटाई					 : | स्त्री० [हिं० बाँटना] १. बाँटने की क्रिया भाव या पारिश्रमिक। २. बाँटे जाने की अवस्था या भाव। ३. किसी को जोतने-बोने के लिए खेत देने का वह प्रकार जिसमें खेत का मालिक लगान के बदले में उपज का कुछ अंश लेता है। जैसे—यह खेत इस साल बँटाई पर दिया गया है। | 
			
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				| बँटाधार					 : | वि० [सं० विनष्ट+आधार] पूरी तरह से चौपट नष्ट या भ्रष्ट किया हुआ। (पूरब)। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| बँटाना					 : | स० [हिं० बाँटना] १. किसी सम्पत्ति आदि के हिस्से लगवाकर अपना हिस्सा लेना। जैसे—उसने सारी जायदाद बँटा ली है। २. किसी काम या बात में इस प्रकार सम्मिलित होना कि दूसरे का भार कुछ हलका हो जाय। जैसे—(क) किसी का दुःख बँटाना। (ख) कि सी काम में हाथ बँटाना। ३. दे० ‘बँटवाना’। | 
			
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				| बँटावन					 : | वि० [हिं० बँटवाना] बँटवाकर अपना हिस्सा लेनेवाला। | 
			
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