| शब्द का अर्थ | 
					
				| बंदी					 : | पुं० [सं० चारणों की एक जाति जो प्राचीन काल में राजाओं का कीर्तिगान किया करती थी। भाट। चारण। दे० बंदी।] पुं० [सं० वन्दिन्] कैदी। बँधुआ। स्त्री० वंदनी (शिर पर पहनने का गहना)। वि० फा० बँदा (दास या सेवक) का स्त्री। स्त्री० [फा०] १. बंद करने की क्रिया या भाव। जैसे—दुकान बंदी। २. बाँधने की क्रिया या भाव। जैसे—नाकेंबंदी। ३. व्यवस्थित रूप में लाने का भाव। जैसे—दलबन्दी। | 
			
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				| बंदीखाना					 : | पुं० [फा० बंदीखानः] जेलखाना। कैदखाना। | 
			
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				| बंदीघर					 : | पुं० [सं० बंदिगृह] कैदखाना। जेलखाना। | 
			
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				| बंदीछोर					 : | वि० [फा० बंदी+हिं० छोर (ड़) ना] १. कैद से छुड़ाने वाला। २. २. संकटपूर्ण बंधन से छुड़ानेवाला। | 
			
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				| बंदीवान					 : | पुं० [सं० वंदिन्] कैदी। | 
			
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