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			| शब्द का अर्थ |  
				| बकना					 : | स० [सं० वचन] १. उटपटाँग या व्यर्थ की बहुत सी बातें कहना। व्यर्थ बहुत बोलना। पद—बकना-झकना=क्रोध में आकर बिगड़ते हुए बहुत-सी खरी खोटी बातें कहना। २. निरर्थक बातों या शब्दों का उच्चारण करना। प्रलाप करना। बड़बड़ाना। ३. विवश होकर अपने अपराध या दोष के संबंध की सब बातें बताना। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |