| शब्द का अर्थ | 
					
				| बटु					 : | पुं०=वटु (ब्रह्मचारी)। | 
			
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				| बटुआ					 : | पुं० [सं० बटक या हिं० बटना] [स्त्री० अल्पा० बटुई] १. कपड़े, चमड़े आदि का खाने तथा ढक्कनदार एक उठौआ छोटा आधान जिसमें रुपये-पैसे आदि रखे जाते हैं। | 
			
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				| बटुई					 : | स्त्री०=बटलोई। | 
			
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				| बटुक					 : | पुं०=वटुक (ब्रह्मचारी)। पुं० [?] लवंग। | 
			
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				| बटुरना					 : | अ० [हिं० बटोरना का अ०] १. इकट्ठा या एकत्र होना। २. सिमटना। ३. बटोरा जाना। संयो० क्रि०–जाना। | 
			
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				| बटुरी					 : | स्त्री० [देश] खेसारी या मोठ नाम का कदन्न। स्त्री०=बटलोई। | 
			
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				| बटुला					 : | पुं० [स्त्री० अल्पा० बटुली]-बटला। | 
			
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				| बटुवा					 : | पुं०=बटुआ। पुं०=बटला। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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