| शब्द का अर्थ | 
					
				| बढ़ाव					 : | पुं० [हिं० बढ़ना+आव (प्रत्यय)] १. बढ़ने या बढ़े हुए होने की अवस्था या भाव। २. फैलाव। विस्तार। ३. मूल्य आदि की वृद्धि। ४. बढ़ती। बाढ़। | 
			
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				| बढ़ावन					 : | स्त्री० [हिं० बढ़ावना] गोबर की टिकिया जो बच्चों की नजर झाड़ने के काम में आती है। | 
			
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				| बढ़ावना					 : | स०=बढ़ाना। | 
			
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				| बढ़ावा					 : | पुं० [हिं० बढ़ाव] १. आगे बढ़कर कोई महत्त्वपूर्ण काम करने के लिए किसी को दिया जानेवाला प्रोत्साहन। २. प्रोत्साहित करने के लिए कही जानेवाली बात। क्रि० प्र०—देना। | 
			
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