| शब्द का अर्थ | 
					
				| बरध					 : | पुं०=बरधा। | 
			
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				| बरध-मृतान					 : | स्त्री० [हिं० बरधा-मूतना] वह अंकन या रेखा जो उसी प्रकार लहरियेदार हो, जिस प्रकार चलते हुए बैल मूतने से जमीन पर निशान पड़ता हो। गो=मूत्रिका। | 
			
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				| बरधवाना					 : | स०=बरदवाना। | 
			
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				| बरधा					 : | पुं० [सं० बलीवर्द में का वर्द] बैल। | 
			
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				| बरधाना					 : | स०=बरदाना। अ०=बरदाना। | 
			
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				| बरधिया					 : | पुं० [हिं० बरधा] १. वह व्यक्ति जो एक स्थान से दूसरे स्थान पर बैलों पर माल ढोकर पहुँचाता हो। २. हलवाहा। ३. चरवाहा। | 
			
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				| बरधी					 : | पुं० [हिं० बरधा] एक प्रकार का चमड़ा (कदाचित् बैल का चमड़ा)। | 
			
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