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			| शब्द का अर्थ |  
				| बरवै					 : | पुं० [देश] एक छंद जिसके विषम अर्थात् पहले और तीसरे चरणों में बारह-बारह और सम अर्थात् दूसरे और चौथे चरणों में सात-सात मात्राएँ होती है। सम चरणों की अंतिम चार-चार मात्राओं का जगम के रूप में होना आवश्यक होता है। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |