| शब्द का अर्थ | 
					
				| बहुक					 : | पुं० [सं० बहु+कन्] १. केकड़ा। २. आक। मदार। ३. चातक। पपीहा। ४. सूर्य। ५. तालाब। वि० १. ‘बहु’ संबंधी। २. बहुत। ३. अधिक दाम का। मँहगा। | 
			
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				| बहुकर					 : | पुं० [सं० बहु√कृ (करना)+ट] १. झाड़ू देनेवाला। २. ऊँट। स्त्री० [सं० बहुकरी] झाडू। (पश्चिम) | 
			
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				| बहुकरी					 : | स्त्री० [सं० बहुकर+ङीष्] झाड़ू। बुहारी। | 
			
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				| बहुकर्णिका					 : | स्त्री० [सं० ब० स०,+कप्,+टाप्, इत्व] मूसाकानी। | 
			
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				| बहुक-वाद					 : | पुं० [सं० ष० त०] [वि० बहुकवादी] दर्शन में, वह विचार-प्रणाली जिसमें किसी बात या वस्तु के एक की जगह अनेक या बहुत से मूल कारण या सिद्धान्त माने जाते हैं। ‘अद्वैतवाद’ का विपर्याय। बहुत्ववाद (प्लूरलिज़्म) | 
			
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				| बहुकवादी (दिन्)					 : | वि० [सं० बहुकवादी+इनि] १. बहुकवाद-संबंधी। २. बहुकवाद के सिद्धान्तों के अनुकूल। पुं० बहुकवाद या अनुयायी। | 
			
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