| शब्द का अर्थ | 
					
				| बाँड़					 : | पुं० [देश] दो नदियों के संगम के बीच की भूमि जो वर्षा में नदियों के बढ़ने से डूब जाती है और पानी उतर जाने पर फिर निकल आती है। पुं०=बाँड़ा। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| बाँड़ा					 : | पुं० [सं० वंड] १. वह पशु जिसकी पूँछ कट गयी हो। २. वह व्यक्ति जिसकी घर-गृहस्थी या बाल-बच्चे न हों। २. तोता। वि० [स्त्री० बाँड़ी] जिसकी पूँछ न हो। दुम-कटा या बिना दुम का। पुं० [देश] दक्षिण पश्चिम की हवा। | 
			
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				| बाँड़ी					 : | स्त्री० [हिं० बाँड़ा] १. बिना पूँछ की गाय। २. छोटी लाठी। छड़ी। | 
			
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				| बाँड़ीबाज					 : | पुं० [हिं० बाँड़ी+फा० बाज] १. लट्ठबाज। लठैत। २. उपद्रवी। शरारती। | 
			
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				| बाँड़तोड़					 : | पुं० [हिं० बाँह+तोड़ना] कुश्ती का एक पेंच। | 
			
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				| बांड़ी					 : | पुं० [अं०] एक प्रकार की विलायती शराब। | 
			
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