| शब्द का अर्थ | 
					
				| बादर					 : | वि० [सं० ] १. बदर या बेर नामक फल का, उससे उत्पन्न या उससे संबंध रखनेवाला। २. कपास या रुई से संबंध रखने या उससे बननेवाला। ३. भारी या मोटा। बारीक या सूक्ष्म का विपर्याय। पुं० नैऋत्य कोण का एक देश। (बृहत्संहिता) पुं० [?] १. कपास का पौधा २. कपास या रुई से बना हुआ। कपड़ा। वि० [?] आनंदित। प्रसन्न। पुं०=बादल। (मेघ)। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| बादरा					 : | स्त्री० [सं० बादर+टाप्] १. बदरी या बेर का पेड़। २. कपास का पौधा। ३. जल। पानी। ४. रेशम। ५. दक्षिणावर्त शंख। पुं०=बादल। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| बादरायण					 : | पुं० [सं० बदरी+फक्-आयन] वेदव्यास का एक नाम। | 
			
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				| बादरायण संबंध					 : | पुं० [कर्म० स०] बहुत खींचतानकर जोड़ा हुआ नाम मात्र का संबंध। बहुत दूर का लगाव या सम्बन्ध। | 
			
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				| बादरायण-सूत्र					 : | पुं० [मध्य० स०] ब्रह्मसूत्र। | 
			
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				| बादरिया					 : | स्त्री०=बदली (मेघ)। | 
			
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				| बादरी					 : | स्त्री०=बदली (मेघ)। | 
			
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