| शब्द का अर्थ | 
					
				| बादल					 : | पुं० [सं० वारिद्, हिं० बादर] १. आकाश में होनेवाला जलकणों का वह जमाव जो वाष्प के हवा में घनीभूत होने पर होता है। मेघ। मुहावरा—बादलों का फट पड़ना=ऐसी घोर या भीषण वर्षा जो प्रलय का सा दृश्य उपस्थित कर दे। मेघस्फोट। क्रि० प्र०—आना।—उठना।—उमड़ना।—गरजना।—घिरना।—चढ़ना।—छटना।—छाना।—फटना। २. लाक्षणिक अर्थ में, चारों ओर छाया रहने या मँड़रानेवाला तत्त्व या पदार्थ। जैसे—दुख के बादल धुएँ का बादल ३. एक प्रकार का पत्थर। जिस पर बैंगनी रंग की बादल की सी धारियाँ पड़ी होती है। | 
			
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				| बादला					 : | पुं० [हिं० पतला] सोने या चाँदी का चिपटा चमकीला तार जो गोटा बुनने या कलाबत्तू बटने और कपड़ों पर टांकने के काम आता है। कामदानी का तार। | 
			
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				| बादली					 : | स्त्री०=बदली। | 
			
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