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			| शब्द का अर्थ |  
				| बानक					 : | पुं० [सं० वार्णः; हि० बानक] १. भेस। वेष। २. सुन्दर बनावट या रूप। सज-धज सजावट। उदा०—या बानकी बट बानिक (बानक) या बन ही बनि आवै।—नन्ददास। ३. ढंग। तरीका। उदा०—जोग रत्नाकर में साँस घँटि बूड़ै, कौन ऊधो हम सूधो यह बानक विचार चुकीं।—रत्नाकर। ४. पीले या सफेद रंग का एक प्रकार का रेशम। पुं० [हिं० बनना] किसी घटना के घटित होने के लिए उपयुक्त परिस्थिति या संयोग। मुहा०—बानक बनना या बैठना= (क) किसी काम या बात के लिए बहुत ही उपयुक्त संयोग या सुयोग उपस्थित होना। उदा०—हम पतित तुम पतितपावन दोऊ बानक बने।—तुलसी। (ख) मेल या संगति बैठना। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |