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			| शब्द का अर्थ |  
				| बारह-खड़ी					 : | स्त्री० [सं० द्वादश+अक्षरी] १. अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, अं और अः इन बारह स्वरों की मात्राएँ क्रमात् प्रत्येक व्यंजन में लगाकर बोलने या लिखने की क्रिया। २. वह रूप जिसमें सभी व्यजनों में उक्त स्वर लगाकर दिखाये गये हों। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |