| शब्द का अर्थ | 
					
				| बावर					 : | पुं० [फा०] यकीन। विश्वास। वि० पुं०=बावरा। (बावला)। | 
			
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				| बावरची					 : | पुं० [फा०] रसोइया। पाचक। | 
			
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				| बावरचीखाना					 : | पुं० [फा० बावरचीखानाः] रसोईघऱ। | 
			
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				| बावरा					 : | वि० [हिं० बाव=वायु+रा (प्रत्यय)] १. सऱीर में वायु या बात का प्रकोप उत्पन्न करनेवाला। उदाहरण—काहू को बैगन बावरा काहू को बांगन पत्थ।—कहावत। २. दे० ‘बावला’। | 
			
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				| बावरी					 : | स्त्री०=बावली (जलाशय) वि० हिं० ‘बावरा’ का स्त्री। स्त्री० [हिं० बावरा=पागल] सम्राट अकबर के समय की एक प्रसिद्ध भक्त महिला जिनके नाम पर एक संप्रदाय भी चला था। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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