| शब्द का अर्थ | 
					
				| बिड़ाल					 : | पुं० [सं० बिडाल] १. बिल्ली। बिलाव। २. दोहे के बीसवें भेद का नाम। २. अक्षर गुरु और ४२ अक्षर लघु होते हैं। ३. आँख का ढेला। ४. आँख के रोगों की एक प्रकार की चिकित्सा। ५. दे० ‘बिड़ालाक्ष’। | 
			
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				| बिड़ालक					 : | पुं० [सं० बिडालक] १. आँख का गोलक। नेत्र-पिंड। २. आँखों पर लेप चढ़ाना। ३. नर बिड़ाल। बिल्ला। | 
			
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				| बिड़ालपाद					 : | पुं० [सं० बिड़ालपाद] एक तौल जो एक कर्ष के बराबर होती है। | 
			
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				| बिड़ालवृत्तिक					 : | वि० [सं० बिडालवृत्तिक] बिल्ली के समान स्वभाववाला। लोभी, कपटी, दंभी हिंसक सबकों धोखा देनेवाला और सबसे टेढ़ा रहनेवाला। | 
			
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				| बिड़ालाक्ष					 : | वि० [सं० विडालाक्ष] जिसकी आँखें बिल्ली की आँखों के समान हो। पुं० एक प्रसिद्ध राक्षस जिसे दुर्गा ने मारा था। | 
			
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				| बिड़ालिका					 : | स्त्री० [सं० बिडालिका] १. बिल्ली। २. हरताल। | 
			
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				| बिड़ाली					 : | स्त्री० [सं० बिडाली] १. बिल्ली। २. आँखों में होनेवाला एक प्रकार का रोग। ३. एक योगिनी जो उक्त रोग की अधिष्ठाती कहीं गई हैं। | 
			
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