| शब्द का अर्थ | 
					
				| बिदरन					 : | स्त्री० [सं० विदीर्ण] १. विदीर्ण होने अर्थात् फटने की अवस्था, क्रिया या भाव। २. दरज। दरार। वि० विदीर्ण करने या फाड़नेवाला। (यौ० के अंत में) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| बिदरना					 : | अ० [सं० विदारण] १. विदीर्ण होना। फटना। उदाहरण—जो बासना न बिदरत अंतर तेई-तेई अधिक अनुअर चाहत।—सूर। २. नष्ट होना। स० विदीर्ण करना। फाड़ना। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |