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			| शब्द का अर्थ |  
				| बिरचना					 : | स० [सं० विरचन] रचना। बनाना। [सं० वि+रुचि] १. मन उचटना। ऊबना। उदाहरण—बिरच्यौ किहि दोष न जानि सकौं जु गयौ मन मों तजि रोषन तौं।—नआनंद। २. अप्रन्नन होना। नाराज होना। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |