| शब्द का अर्थ | 
					
				| बिलग					 : | वि० [हिं० बिलगना] अलग। पृथक्। पुं० १. विलग अर्थात् अलग या पृथक् होने की अवस्था या भाव। पार्थक्य। २. परकीय होने की अवस्था या भाव। परायापन। ३. पार्थक्य आदि के कारण मन में होनेवाला कुभाव या दुर्भाव। उदाहरण—देवि करौ कछु बिनय सो बिलगु मानब।—तुलसी। क्रि० प्र०—मानना। | 
			
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				| बिलगना					 : | अ० [सं० विलग्न] अलग या पृथक् होना। | 
			
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				| बिलगाऊ					 : | वि० [हिं० बिलग+आना (प्रत्यय)] अलग होना। पृथक् होना। दूर होना। स० १. अलग या पृथक् करना। २. चुनना। छाँटना। | 
			
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				| बिलगाव					 : | पुं० [हिं० बिलग+आव (प्रत्यय)] बिलग या अलग होने की अवस्था या भाव। अलगाव। पार्थक्य। | 
			
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				| बिलगी					 : | पुं० [देश०] एक प्रकार का संकर राग। | 
			
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