| शब्द का अर्थ | 
					
				| बिसात					 : | स्त्री० [अ०] १. वह कपड़ा या चटाई जिस पर छोटे दूकान दार बिक्री की चीजें फैलाकर रखते हैं। २. वह कपड़ा, कागज आदि जिस पर चौपट, शतरंज आदि खेलने और गोटियों, मोहरें आदि रखने के लिए खाने बने होते हैं। ३. धन-संपत्ति आदि के विचार से होनेवाला सामर्थ्य। औकात। बिना। हैसियत। ४. पास में होनेवाला धन। जमा पूँजी। ५. शारीरिक शक्ति, योग्यता आदि के विचार से होनेवाला सामर्थ्य। ६. कुछ ग्रहण या धारण करने के विचार से होनेवाला सामर्थ्य। समाई। | 
			
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				| बिसात-खाना					 : | पुं० [अ० बिसातखानाः] १. बिसाती की दुकान। २. बिसाती की दुकान पर बिकनेवाला सामानों का समूह। | 
			
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				| बिसातबाना					 : | पुं० [हिं० ] वे सब सामान जो बिसातियों की दूकानों पर मिलते हैं। | 
			
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				| बिसाती					 : | पुं० [अ०] १. वह जो बिसात पर सामान फैलाकर बेचता हो। २. सूई, तागा, बटन, साबुन, तेल आदि फुटकर सामान बेचने वाला दूकानदार। | 
			
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