| शब्द का अर्थ | 
					
				| बीदर					 : | पुं० [सं० विदर्भ] १. विदर्भ देश का एक नगर। २. एक प्रकार की उपधातु जो ताँवे और जस्ते के मेल से बनती है। (आरंभ में वह बीदर नगर में बनी थी, इसीलिए इसका यह नाम पड़ा। | 
			
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				| बीदरी					 : | स्त्री० [हिं० बीदर] जस्ते और ताँबें के मेल में बरतन आदि बनाने का काम जिसमें बीच-बीच में सोने या चाँदी के तारों से नक्काशी की हुई होती है। बीदर की धातु का काम। वि० १. बीदर-संबंधी। बीदर का। २. बीदरी की धातु का बना हुआ। | 
			
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				| बीदरीसाज					 : | पुं० [हिं० बीदर+फा० साज] वह जो बीदर की धातु से बरतन आदि बनाता हो। बीदर का काम बननेवाला। | 
			
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