| शब्द का अर्थ | 
					
				| बुत					 : | पुं० [सं० बुद्ध से फा०] १. मूर्ति। प्रतिभा। विशेष—प्राचीन फारस में इसलाम के प्रचार से पहले स्थान स्थान पर गौतम बुद्ध की मूर्तियाँ और मन्दिर बहुत अधिक संख्या में थे। इसीलिए इसलाम का प्रचार होने पर यहाँ के लोग प्रतिमा या मूर्ति मात्र को बुत कहने लगे थे। २. किसी की आकृति के अनुरूप बना हुआ चित्र या प्रतीक। ३. गढ़ी हुई मूर्तियों के सौन्दर्य और कठोरता के आधार पर फारसी-उर्दू कविताओं में प्रियतमा या प्रेमी की संज्ञा। वि० १. मूर्ति की तरह मौन और निश्चल। २. मूर्ख। ३. नशे में बेहोश। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| बुतना					 : | अ०=बुझना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| बुत-परस्त					 : | पुं० [फा०] [भाव० बुतपरस्ती] मूर्तिपूजक। मूर्तियों का आराधक। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| बुत-परस्ती					 : | स्त्री० [फा०] मूर्तिपूजा। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| बुत-शिकन					 : | पुं० [फा०] वह जो मूर्ति-पूजा का विरोधी होने के कारण प्रतिमाओं को तोड़ता या नष्ट करता हो। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| बुतात					 : | स्त्री० [अ० मुअताद] १. किसी चीज की मात्रा या मान। २. खर्च। व्यय। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| बुताना-बूताम					 : | सं०=बुझाना। अ०=बुझना। पुं०=बटन। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| बुत्त					 : | वि० , पुं०=बुत। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| बुत्ता					 : | पुं० [हिं० बुत= मूर्ख ?] बातों में मूर्ख बनाकर किसी को दिशा जानेवाला चकमा या धोखा। पद—दम बुत्ता। (देखें) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| बुत्थि					 : | वि०=बहुत। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |