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			| शब्द का अर्थ |  
				| बुनना					 : | सं० [पुं० हि० बिनना] १. करघे के द्वारा ताने तथा बाने के तारों को इस प्रकार एक दूसरे में ऊपर नीचे करके फँसाना के वे वस्त्र का रूप धारण कर लें। जैसे—दरी बुनना। २. सलाइयों आदि के द्वारा विशेष रूप से किसी एक ही डोरी में विशिष्ट प्रकार से फंदे डालते हुए उसे वस्त्र का रूप देना। जैसे—स्वेटर बुनना। ३. सीधे तथा बेड़े बल में बहुत से तार आदि स्थापित करके कोई चीज तैयार करना। जैसे—चटाई बुनना, जाला, बुनना। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |