| शब्द का अर्थ | 
					
				| बुलबुल					 : | स्त्री० [फा०] एक प्रसिद्ध गानेवाली चिड़िया जो तई प्रकार की होती और एशिया, यूरोप तथा अमेरिका में पाई जाती है। विशेष—उर्दूवाले प्रायः इसे पुंलिंग मानते हैं और इसे आशिक के प्रतीक के रूप में ग्रहण करते है। | 
			
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				| बुलबुल-चश्म					 : | स्त्री० [फा०] एक प्रकार की सहिली (चिड़िया)। | 
			
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				| बुलबुलबाज					 : | पुं० [फां०] [भाव० बुलबुलबाजी] वह जो बहुत सी बुलबुलें पालता तथा लड़ता हो। | 
			
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				| बुलबुलबाजी					 : | स्त्री० [फा०] बुलबुलें पालने या लड़ाने का काम या शौक। | 
			
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				| बुलबुलहजार दास्ताँ					 : | स्त्री० [फा०] बहुत ही मधुर स्वरवाला एक प्रसिद्ध ईरानी पक्षी जिसकी चर्चा अरबी और फारसी काव्यों में अधिकता से होती है। संस्कृत में इसे ‘कलबिक’ कहते हैं। | 
			
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				| बुलबुला					 : | पुं० [सं० बुद्बुद] १. किसी तरल पदार्थ या पानी की बूँद का वह खोखला और फूला हुआ रूप जो उसे अन्दर हवा भर जाने के कारण प्राप्त होता है। बुदबुदा। बल्ला। २. लाक्षणिक रूप में कोई क्षणभंगुर चीज या बात। जैसे—जिन्दगी पानी का बुलबुला है। | 
			
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