| शब्द का अर्थ | 
					
				| बृहस्पति					 : | पुं० [सं० बृहत-पति, ष० त० सुट्, नि०] १. एक प्रसिद्ध देवता जो अंगिरस के पुत्र और देवताओं के गुरु कहे गये हैं। २. सौरजगत् का पाँचवाँ और सबसे बड़ा ग्रह जिसका व्यास ८७००० मील है। यह लगभग ११० वर्षों में सूर्य की परिकमा करता है। (जुपिटर) | 
			
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				| बृहस्पति चक्र					 : | पुं० [ष० त०] ६0 संवत्सरों का चक्र। (गणित ज्योतिष) | 
			
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				| बृहस्पतिवार					 : | पुं० [ष० त०] बुधवार के बाद और शुक्रवार से पहले पड़नेवाले दिन की संज्ञा। गुरुवार। बीफै। | 
			
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