| शब्द का अर्थ | 
					
				| बेगरज					 : | वि० [फा० बे+अ० ग़रज] [भाव० बेगरजी] जिसे कोई गरज या परवा न हो। कि० वि० बिना किसी गरज। प्रयोजन या मतलब के। निःस्वार्थ रूप से। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| बेगरजी					 : | स्त्री० [फा० बे+अ० ग़रज+ई (प्रत्य)] बेरगज होने की अवस्था या भाव। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)वि०=बेगरज। जैसे—बेगरजी नौकर, बेगरजी सैंया।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |