| शब्द का अर्थ | 
					
				| बेध					 : | पुं० [सं० वेध] १. छेद। २. मोती, मूँगे आदि में किया हुआ छेद। ३. दे० ‘वेध’। | 
			
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				| बेधना					 : | सं० [सं० बेचन] १. किसी नुकीली चीज की सहायता से छेद करना। भेदना। जैसे—मोती बेधना। २. शरीर पर किसी प्रकार का क्षत या घाव करना। | 
			
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				| बेधिया					 : | पुं० [सं० वेध] अंकुश। वि० बेधने या छेदनेवाला। | 
			
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				| बेधी					 : | वि०=वेधी। स्त्री०=वेदी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| बेधीर					 : | वि०=अधीर। | 
			
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