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			| शब्द का अर्थ |  
				| बेपेंदा					 : | वि० [हिं० बे+पेंदा] [स्त्री० बेपेंदी] जिसमें पेंदा न हो और इसी कारण जो इधर-उधर लुढ़कता हो। पद—बेपेंदी का लोटा=व्यक्ति जो अपने किसी निश्चय पर स्थिर न रहता हो। बल्कि दूसरों की बातें सुन-सुनकर अपना निश्चय बारबार बदलता रहता हो। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |