| शब्द का अर्थ | 
					
				| ब्रह्म-रात					 : | पुं० [सं० ब० स०] १. शुक्रदेव। २. याज्ञवल्क्य मुनि। | 
			
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				| ब्रह्म-रात्र					 : | स्त्री० [सं० रात्रि+अण्, ब्रह्म-रात्र, ष० त०] रात के अन्तिम चार दंड। ब्राह्म मुहूर्त। | 
			
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				| ब्रह्म-रात्रि					 : | स्त्री० [सं० ष० त०] ब्रह्मा की एक रात जो कल्प की मानी जाती है। | 
			
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