शब्द का अर्थ
|
भृंगार :
|
पुं० [सं० भृंग√ऋ (गति)+अण्] १. लौंग २. सोना। स्वर्ण। ३. पानी पीने के लिए बना हुआ सोने का एक प्राचीन पात्र। ४. जल का अभिषेक करने की झारी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
भृंगारि :
|
स्त्री० [सं० भृंग√ऋ (प्राप्त होना)+इनि] केवड़ा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
भृंगारिका :
|
स्त्री० [सं० भृंगार+कन्+टाप्, इत्न] झिल्ली नामक कीड़ा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |