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भौंह  : स्त्री० [सं० भ्रू] आँखों के ऊपर की हड्डी पर के रोएँ या बाल। भृकुटी। भौं। मुहा०—(किसी के सामने) भौंह उठाना=आँख उठाकर देखना। भौंह चढ़ाना या तानना=आँखें तानकर क्रोध या क्षोभ प्रकट करना। त्योरी चढ़ाना। बिगड़ना। (किसी की) भौंह जोहना या ताकना=यह देखते रहना कि कोई अप्रसन्न न होने पावे। भौंह नचाना=बराबर भौंहें हिलाना जो स्त्रियों के हाव-भाव और विशेष चंचलता का सूचक है। भौंह मरोड़ना=(क) असंतोष, उपेक्षा, रोष आदि प्रकट करने के लिए अपनी आकृति विकृत करना। नाक-भौंह चढ़ाना। उदा०—सुनि सौंतिनि के गुनि की चरचा द्विज जू तिय भौंह मरोरन लागी।—द्विजदेव। (ख) दे० ऊपर ‘भौंह चढ़ाना या तानना’। स्त्री० [अनु०] कुत्तों के भूँकने का शब्द।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
भौंहरा  : पुं०=भुइँहरा। पुं०=भौंरा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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