| शब्द का अर्थ | 
					
				| मंजर					 : | पुं० [सं० √मंज्+अर्] १. फूलों का गुच्छा। २. मोती। ३. तिलक वृक्ष। | 
			
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				| मंजरि					 : | स्त्री०=मंजरी। | 
			
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				| मंजरिका					 : | स्त्री०=मंजरी। | 
			
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				| मंजरित					 : | भू० कृ० [सं० मंजर+इतच्] १. मंजरियों से युक्त। २. पुष्पित। | 
			
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				| मंजरी					 : | स्त्री० [सं० मंजर+ङीष्] १. नया कल्ला। कोंपल। २. कुछ विशिष्ट पौधों के सींके में लगे हुए बहुत से दानों का समूह। जैसे—आम या तुलसी की मंजरी। ३. तुलसी। ४. तिलक वृक्ष। ५. मोती। ६. वाम नाम छंद का दूसरा नाम। ७. संगीत में, कर्नाटकी पद्धति की एक रागिनी। | 
			
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				| मंजरीक					 : | पुं० [सं० मंजरी+कन्] १. एक तरह का सुगंधित तुलसी का पौधा। २. मोती। ३. तिल का पौधा। ४. बेंत। ५. अशोक वृक्ष। | 
			
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				| मंजरी-चामर					 : | पुं० [मध्य० स० या उपमि० स०] फलों की मंजरी से बना हुआ या उसकी तरह बना हुआ चामर। | 
			
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