| शब्द का अर्थ | 
					
				| मंथर					 : | वि० [सं०√मंथ्+अरन्] १. धीमा। मन्द। २. मट्ठर। सुस्त। ३. मन्द-बुद्धि। कम-समझ। ४. बड़ा और भारी। स्थूल। ५. टेढ़ा। वक्र। ६. अधम। नीच। पुं० १. बालों का गुच्छा। २. कोष। खजाना। ३. फल। ४. बाधा। रुकावट। ५. मंथानी। ६. क्रोध। गुस्सा। ७. दूब। ८. वैशाख का महीना। ९. भँवर। १॰. किला। दुर्ग। ११. मृग। हिरन। १२. नवनीत। मक्खन। १३. मंथ (देखें) नामक ज्वर। | 
			
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				| मंथरा					 : | स्त्री० [सं० मंथर+टाप्] रानी कैकेयी की एक प्रसिद्ध कुबड़ी दासी जिसके बहकावे में आकर उसने राजा दशरथ से दो वर माँगे थे और राम को वन-वास दिलाया था। २. १२0 हाथ लंबी, ६0 हाथ चौड़ी और ३0 हाथ ऊँची नाव। (युक्तिकल्पतरु) | 
			
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