| शब्द का अर्थ | 
					
				| मयंद					 : | पुं० [सं० मृगेन्द्र] १. शेर। सिंह। २. रामकी सेना का एक बन्दर। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| मयंदी					 : | स्त्री० [देश०] लोहे की वह छोटी सामी जो गाड़ी में चक्के की नाभि के दोनों ओर उस छेद के मुँह पर खोदकर बैठाई जाती है जिसमें धुरे का सिरा रहता है। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |