| शब्द का अर्थ | 
					
				| मसल					 : | स्त्री० [अ०] कहावत। लोकोक्ति। | 
			
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				| मसलति					 : | स्त्री०=मसलहत। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| मसलन					 : | स्त्री० [हिं० मसलना] मसलने की क्रिया या भाव। उदाहरण—मैं वह हलकी सी मसलन हूँ जो बनती कानों की लाली।—प्रसाद। अव्य० [अ० मस्लन] उदाहरण के रूप में। उदाहरणार्थ। जैसे। यथा। | 
			
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				| मसलना					 : | स० [हिं० मलना] १. किसी नरम चीज को हाथ, हथेली या उँगलियों से दबाते हुए रगड़ना। मलना। २. जोर से इस प्रकार कोई चीज दबाना कि वह टूट-फूट जाय। ३. गूँथना। ४. सानना। संयो० क्रि०—डालना।—देना। | 
			
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				| मसलहत					 : | स्त्री० [अ० मस्लहत] १. किसी काम या बात का ऐसा बुद्धिमत्तापूर्ण शुभ उद्देश्य या हेतु जो ऊपर से देखने पर समझ में न आता हो। २. परामर्श। ३. हित। भलाई। | 
			
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				| मसलहतन्					 : | अव्य० [अ०] छिपे हुए शुभ उद्देश्य या हेतु से। जैसे—हमने मसलहतन् तुम्हें वहाँ भेजा था। | 
			
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				| मसला					 : | पुं० [अ० मस्सलः] १. कहावत। लोकोक्ति। २. समस्या। मुहावरा—मसला हल होना=समस्या का निराकरण होना। | 
			
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