| शब्द का अर्थ | 
					
				| महंत					 : | पुं० [सं० महत्=बड़ा] [भाव० मंहती] वह संन्यासी (या साधु) जो अपने समाज अथवा किसी मठ का प्रधान हो वि० =महत् (बहुत बड़ा)। | 
			
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				| महंताई					 : | स्त्री०=महंती। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| महंति					 : | वि० =महत् (बहुत बड़ा) उदाहरण—मनसि विचारि एक ही महंति।—प्रिथीराज। | 
			
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				| महंती					 : | स्त्री० [हि० महंत+ई (प्रत्यय)] महंत का काम, पद या भाव। उदाहरण—भारी विपति महंती आई, लगन राम सों छूटी। | 
			
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