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			| शब्द का अर्थ |  
				| मीर-दहाँ					 : | पुं० [अ+फा०] पुराने-राज-दरबारों का वह चोबदार जो राजाओं, बादशाहों अथवा उनके सम्बन्धियों आदि के आने से पहले दरबारियों को इसीलिए पुकार कर सूचना देता था कि वे आदर-सत्कार करने या उठ खड़े होने के लिए तैयार हो जायँ। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |