| शब्द का अर्थ | 
					
				| यत्र					 : | अव्य० [सं० यद्+यत्] १. जिस जगह। जहाँ। २. जिस समय। जब। ३. जब यह बात है तो। इस कारण से। यतः। पुं० =सत्र (यज्ञ)। | 
			
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				| यत्र-तत्र					 : | अव्य० [सं० द्व० स०] १. जहाँ-तहाँ। इधर-उधर। २. कुछ यहाँ कुछ वहाँ। ३. यहाँ-वहाँ सभी जगह। अनेक स्थानों पर। जगह-जगह। | 
			
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				| यत्रु					 : | स्त्री० [सं० जत्रु] छाती के ऊपर और गले के नीचे मंडलाकार हड्डी। हँसली। | 
			
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