| शब्द का अर्थ | 
					
				| याम्य					 : | वि० [सं० यम+ष्यञ्] १. यम-संबंधी। यम का। २. दक्षिण दिशा का। दक्षिणी। पुं० [यामी+यत्] १. विष्णु। २. शिव। ३. यमदूत। ४. अगस्त्य ऋषि का एक नाम। ५. चन्दन। ६. भरणी (नक्षत्र)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| याम्य-द्रुम					 : | पुं० [सं० कर्म० स०] सेमल का पेड़। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| याम्या					 : | स्त्री० [सं० या्म्य+टाप्] १. दक्षिण दिशा। २. भरणी नक्षत्र। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| याम्यायन					 : | पुं० [सं० याम्य+अयन, कर्म० स०] दक्षिणायन। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| याम्योत्तर					 : | वि० [सं० याम्य-उत्तर, सुप्सुपा स०] जो दक्षिण से उत्तर की ओर या उक्त लंब में हो। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| याम्योत्तर-दिगंश					 : | पुं० [सं० कर्म० स०] लंबांश। दिगंश। (भूगोल, खगोल)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| याम्योत्तर-रेखा					 : | स्त्री० [सं० कर्म० स०] खगोल और भूगोल में वह कल्पित रेखा जो किसी विशिष्ट स्थान (जैसे—प्राचीन भारत में उज्जयिनी और आज-कल इंग्लैड के ग्रीनविच नगर) के ख-स्वस्तिक से चलकर सुमेरु और कुमेरु को पार करती हुई पृथ्वी का पूरा वृत्त बनाती है। (मेरीडियन) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| याम्योत्तर-वृत्त					 : | पुं० [सं० मध्य० स०] याम्योत्तर रेखा से बननेवाला वृत्त। (मेरीडियन) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |