| शब्द का अर्थ | 
					
				| यास					 : | पुं० [सं०√यास् (प्रयास)+घञ्] लाल धमासा। स्त्री० [अव्य] १. निराशा। २. निराश होने पर मन में उत्पन्न होने वाला खेद। स्त्री० [फा०] चमेली। | 
			
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				| यासमन					 : | स्त्री० [फा० यासमीन] चमेली का फूल। | 
			
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				| यासमीन					 : | स्त्री० [फा०] चमेली का फूल। | 
			
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				| यासु					 : | सर्व०=जासु। | 
			
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				| यास्क					 : | पुं० [सं० यस्क+अण्] १. यास्क ऋषि के गोत्र में उत्पन्न व्यक्ति। २. वैदिक निरुक्त के रचयिता एक प्रसिद्ध ऋषि। | 
			
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				| यास्कायनि					 : | पुं० [सं० यास्क+फिञ्-आयन] यास्क के गोत्र में उत्पन्न पुरुष। | 
			
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